BHIC 101 Book PDF In Hindi

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BHIC-101 भारत का इतिहास-I पाठ्यक्रम परिचय

प्राचीन भारतीय इतिहास का यह पाठ्यक्रम चार खंडों में विभाजित है। हर खंड में किसी युग विशेष से संबंधित एक प्रमुख विषयवस्तु है जो भारत देश के प्राचीन काल के इतिहास के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

खंड Ⅰ भारत की भौगोलिक क्षेत्रों, प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोतों, क्षेत्रीय संदर्भ में पुरापाषाण लोगों के उपकरणों, प्रौद्योगिकी, समाज और कला जैसे मुद्दों से संबंधित है।

इकाई 1 मनुष्यों और भूमि के बीच घनिष्ठ संबंध की पड़ताल करती है। इतिहासकारों और भूगोलवेत्ताओं द्वारा भौगोलिक भूभाग की कैसे कल्पना की गई और पूर्वजों के बीच इस भूभाग की चेतना कैसी मौजूद थी, से संबंधित कुछ मुद्दे हैं।

इकाइयाँ 2 और 3 प्रागैतिहासिक संस्कृतियों के बारे में चर्चा करती हैं। इसका विश्लेषण अनुभवजन्य दत्त-सामग्री, उत्खननों और उनसे प्राप्त मूर्त सामग्री पर आधारित है।

खंड Ⅱ भारतीय उपमहाद्वीप की आद्य-ऐतिहासिक संस्कृतियों की और संक्रमण की पड़ताल करता है।

इकाई 4 कृषि की शुरुआत और पशुओं के पालतू बनने के चरण से अवगत कराती है।

इकाइयाँ 5, 6, और 7 हड़प्पा सभ्यता से संबंधित है। ये उन प्रक्रियाओं से निपटती है जिनके द्वारा शहरी केंद्र धीरे-धीरे विकसित हुए; उनके पूर्ववृत्त, नगर नियोजन, सामाजिक संरचना, व्यापार, धर्म और पतन प्रकाश में आए।

खंड Ⅲ दूसरी सहस्राब्दी बी.सी.ई. के आरंभ से लेकर छठी शताब्दी बी.सी.ई. तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों की सांस्कृतिक रूपरेखा पर ध्यान केंद्रित करता है।

इकाई 8 और 9 उच्च शहरीकृत हड़प्पा संस्कृति का ह्यस और धीरे-धीरे उपमहाद्वीप के सभी प्रमुख क्षेत्रों में कृषि आधारित ग्रामीण संस्कृतियों के गठन की चर्चा करती है।

इकाई 10 लोहे के आविर्भाव से संबंधित है। पहले छोटी खेतीहर बस्तियाँ ताम्रपाषण संस्कृति से संबंधित थीं, लेकिन पहली सहस्राब्दी बी.सी.ई. की शुरुआत से लोहे की विभिन्न संस्कृतियों का उद्भव हुआ।

इकाई 11 एक नए प्रकार के समाज की चर्चा करता है। जिसमें रहने वाले लोगों के जीवन में नए प्रश्न उभरे, जीवन में अर्थ की तलाश और नई आकांक्षाएं थी।

इकाई 12 में बौद्ध धर्म, जैन धर्म और आजीवक के तेजी से फैलने की चर्चा की गई है।

खंड Ⅳ छठी शताब्दी बी.सी.ई. से मौर्य काल के अंत तक की अवधि से संबंधित है।

इकाई 13 दूसरा शहरीकरण फलने-फूलने के बारे में है। वैदिक काल से हो रहे बदलाव छठी शताब्दी बी.सी.ई. में परिपक्व होकर महाजनपद उभरे और राजतंत्र व गणसंघ बने।

इकाई 14 उत्तर पश्चिम में सिकंदर के आक्रमण के बारे में है। फ़ारसियों और यूनानियों के संपर्क ने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग को फ़ारसी और यूनानी सांस्कृतिक प्रभावों के लिए खोल दिया।

इकाइयाँ 15, 16 और 17 में मौर्यों के एक विशाल साम्राज्य की चर्चा की गई है। जिसमें उत्तरी-पश्चिमी भाग भी शामिल था।

इकाइयाँ 18 और 19 प्राचीन भारत में लिंग की स्थिति व पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्राचीन भारतीयों की उपलब्धियों को दर्शाती है। 

BHIC-101 भारत का इतिहास-I in Hindi Study Material PDF Download

यह अध्ययन सामग्री IGNOU BA Honours के छात्रों और उन सभी छात्रों के लिए निःशुल्क है, जो UPSC और UGC NET (History) जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। इन दोनों बड़ी परीक्षाओं में छात्रों को इतिहास जैसे विषय की अच्छी तैयारी के लिए IGNOU इतिहास की पुस्तकें बहुत मददगार होती है। इसमें भारत देश के प्राचीन काल के इतिहास के संदर्भ में विस्तार से समझाया गया है।

खंड 1 प्राचीन भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण 

खंड 2 खाद्य उत्पादन का आगमन और हड़प्पा सभ्यता 

खंड 3 वैदिक काल और संस्कृतियों में परिवर्तन

खंड 4 भारत : छठी शताब्दी बी.सी.ई. से 200 बी.सी.ई. तक

 

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