Hello दोस्तों, आज हम आपके लिए IGNOU BHIE-143 पर्यावरण का इतिहास Study Material Hindi में लेकर आए है। आप यहाँ से BHIE 143 Book PDF In Hindi की सभी इकाईयों को PDF के रूप में Download कर सकते है।
BHIE-143 पर्यावरण का इतिहास पाठ्यक्रम परिचय
इकाई 1 पर्यावरण इतिहास की मुख्य विशेषताओं, पर्यावरण के इतिहास पर बहस और पर्यावरण इतिहास की चिंताओं के बारे में है।
इकाई 2 में प्रागैतिहासिक एवं आद्य-ऐतिहासिक काल के पर्यावरण के इतिहास पर चर्चा की गई है। इस काल के दौरान अनेक अंतर्संबंधित घटनाओं का विकास हुआ।
इकाई 3 में मानव द्वारा बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए स्वयं को विभिन्न क्षेत्रों के अनुरूप अनुकूलित करने, धीरे-धीरे अपने परिवेश और पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने, पौधों और जानवरों के पालतूकरण और उनके प्रसार से प्रारंभिक मानव समाजों के बीच संचार को प्रोत्साहित मिलने, मानवीय हस्तक्षेप द्वारा पर्यावरणीय वातावरण का बदल जाने के बारे में है।
इकाई 4 मध्यकालीन भारतीय इतिहास को एक अलग दृष्टिकोण से समझाया गया है। जिसमें ऐतिहासिक विकास को आकार देने में पर्यावरण प्रमुख कारकों में से एक है। उन तरीकों को देखा गया जिसके माध्यम से मध्यकालीन राज्यों ने प्राकृतिक संसाधनों को जुटाया और उनका उपयोग किया और उनके उपयोग को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करने आदि के बारे में है।
इकाई 5 में प्रारंभिक आधुनिक काल में भारतीय उपमहाद्वीप में मानव – पर्यावरण के परस्पर संपर्कों के कारण पर्यावरण में परिवर्तन, भारतीय शक्तियों द्वारा भारतीय वनों का परिनियमन, ब्रिटिश राज के अंतर्गत लाई गयी नीतियों द्वारा उनमें बदलाव, 18वीं एवं 19वीं शताब्दी में पर्यावरण संरक्षण की कुछ स्थानीय परंपराएँ और अकाल एवं बीमारियों द्वारा लोगों को प्रभावित करने की चर्चा की गई है।
इकाई 6 भारतीय दर्शन में वनों को किस प्रकार देखा गया हैं, भारतीय दर्शन में पानी को कैसे देखा गया है, और कैसे भारतीय दर्शन में एक जटिल पारिस्थितिक तंत्र में विभिन्न तत्व जैसे पानी और प्राणी जैसे पौधे और जानवर आपस में जुड़े है आदि के बारे में है।
इकाई 7 संधारणीयता के लिए संरक्षण का महत्व, ऐतिहासिक काल में प्रकृति और संरक्षण की समझ में परिवर्तन, इतिहास के अभिन्न अंग के रूप में पर्यावरण और आवासों में परिवर्तन, संरक्षण की रणनीति में परिवर्तन के साथ संबंधित मानव-प्रकृति की अंतःक्रियाओं में परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों के वैश्विक संरक्षण की आवश्यकता की पृष्ठभूमि और इसके अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव, जैव विविधता का महत्व और संधारणीयता और स्थानीय ज्ञान परंपराओं के साथ संबंध और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और संधारणीय विकास पर नीतिगत निर्णयों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य करता है।
इकाई 8 यूरोपीय और अमेरिकी शाही विस्तार के सामाजिक और पारिस्थितिक प्रभाव, प्राकृतिक संसाधनों के बड़े पैमाने पर विनियोग के लिए आधुनिक वनस्पति विज्ञान और शाही विस्तार के बीच जटिल संबंध, मानव और प्रकृति के बीच की परस्पर क्रियाओं और गतिविधियों को उद्धृत करने हेतु कैनवास के रूप में वैश्विक भौगोलिक परिप्रेक्ष्य और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और सतत विकास की समकालीन रणनीतियों पर नीतिगत निर्णयों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य करता है।
इकाई 9 विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे विकसित हुई, भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था की विभिन्न नीतियों के बारे में, स्वास्थ्य सेवाओं का सार्वजनिक से निजी क्षेत्र में फैलाव और उसके निहितार्थ के बारे में, पर्यावरण के क्षेत्र में विभिन्न विधायी और नीति विकास के बारे में और पर्यावरण और विकास का एक दूसरे से संबंध के बारे में है।
इकाई 10 विकास ने पर्यावरण को किस कदर प्रभावित किया है तथा उत्तर औपनिवेशिक देशों के समाज (तीसरी दुनिया या विकासशील देश) ने अंधाधुंध विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया, कैसे विकास से हरित क्रांति से कृषि में क्रांतिकारी सुधार आया तथा पर्यावरण भी प्रभावित हुआ।
चिपको आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि जैसे स्थानीय लोगों द्वारा किए गए आंदोलन की पृष्ठभूमि और प्रभाव और पर्यावरण विरोधी दृष्टिकोण के खिलाफ केंद्र और राज्यों द्वारा बनाई गई नीतियाँ तथा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान तथा “पर्यावरण की कीमत पर विकास समाज के हित में नहीं” पर विषद विश्लेषण किया गया है।
इकाई 11 पुरूषों और महिलाओं के लिए पर्यावरणीय मुद्दे और सरोकार में भिन्नता, ‘जननांग’ और लिंग के बीच वैचारिक अंतर, पारिस्थितिकी के साथ ‘लिंग’ संबंध के भौतिक और वैचारिक पहलू, सामान्य रूप से पारिस्थितिक नारीवाद और विशेष रूप से भारतीय नारीवाद की आलोचना तथा नारीवादी पर्यावरणवाद की अवधारणा की चर्चा करता है।
इकाई 12 पर्यावरण और मानव अंतःक्रिया की चेतना और जागरूकता के संबंध में, पर्यावरण के संबंध में नागरिक समाज (एनजीओ) की अवधारणा, संरचना और कार्य के बारे में तथा अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर पर्यावरण से संबंधित सिविल सोसाइटी की सफलता की कहानियों के बारे में है।
BHIE-143 पर्यावरण का इतिहास in Hindi Study Material Download
यह अध्ययन सामग्री IGNOU BAG के छात्रों और उन सभी छात्रों के लिए निःशुल्क है, जो UPSC और UGC NET (History) जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। इन दोनों बड़ी परीक्षाओं में छात्रों को इतिहास जैसे विषय की अच्छी तैयारी के लिए IGNOU इतिहास की पुस्तकें बहुत मददगार होती है। इसमें पर्यावरण जैसे जटिल विषयों को भी सरल भाषा में समझाया गया है।
इकाई 1 इतिहास में पर्यावरण संबंधी मुद्दों का अध्ययन – एक परिप्रेक्ष्य
इकाई 2 पर्यावरण और प्रारंभिक समाज – I : आखेटक – संग्रहक एवं यायावर / खानाबदोश
इकाई 3 पर्यावरण और प्रारंभिक समाज – II : नदी घाटी सभ्यताएं
इकाई 4 भारत में मध्य युग में पर्यावरण के मुद्दे
इकाई 5 प्रारंभिक आधुनिक समाज में पर्यावरणीय मुद्दे
इकाई 6 भारतीय दर्शन और पर्यावरण
इकाई 7 विभिन्न युगों में संरक्षण
इकाई 8 उपनिवेशवाद और पर्यावरण – हरित साम्राज्यवाद
इकाई 9 पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर वाद-विवाद
इकाई 10 उत्तर- औपनिवेशिक समाजों में विकास और पर्यावरण संबंधी चिंताएं
इकाई 11 लिंग और पर्यावरण
इकाई 12 पर्यावरण आंदोलन को दिशा प्रदान करने में संयुक्त राष्ट्रसंघ, गैर-सरकारी संगठनों आदि की भूमिका
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