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BHIC-114 आधुनिक यूरोप का इतिहास-II (c. 1780-1939) पाठ्यक्रम परिचय
इस पाठ्यक्रम में यूरोप में उदारवाद, समाजवाद और फासीवाद की विचारधाराओं के विकास से परिचय करवाया गया है। अपने राजनैतिक और आर्थिक वर्चस्व के आधार पर यूरोप ने एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका पर अपना नियन्त्रण बढ़ाया और साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद के इस सामूहिक अनुभव ने न केवल यूरोप के इतिहास को बल्कि उपनिवेशित लोगों के इतिहास को भी प्रभावित किया। यह पाठ्यक्रम यूरोप में सांस्कृतिक और बौद्विक विकासों, नये सांस्कृतिक रूपों और नस्ल, वर्ग और लिंग-भेद के विचारधाराओं के निर्माण से परिचित कराता है।
इकाई 1 उदारवादी जनतंत्र, जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रमुख उदारवादी लोकतांत्रिक शासनों से संबंधित है। यह विश्व युद्ध के बाद की अवधि के बारे में कुछ विचार देता है जिसमें यह शासन विकसित हुए थे।
इकाई 2 यूरोप में समाजवादी सोच के विकास से परिचित कराती है जिसका प्रमुख केन्द्र बिन्दु मार्क्सवादी समाजवाद है।
इकाई 3 फासीवाद की मूल विशेषताओं और प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप में उसके उद्भव के कारणों को स्पष्ट करती है। यह फासीवाद और रूढ़िवादी दक्षिणपंथी राज्य व्यवस्था के बीच के अन्तर को भी बताती है। इसके बाद जर्मनी को छोड़कर यूरोप के सभी प्रमुख रूढ़िवादी दक्षिणपंथी शासनों की कहानी का वर्णन करती है।
इकाई 4 जर्मनी में नाजी शासन पर केन्द्रित है। यह सबसे क्रूर शासनों में से एक के सार पर और महिलाओं, धर्म कला और साहित्य और यहूदियों के प्रति उसके रवैये पर चर्चा करती है।
इकाई 5 और 6 रूस में समाजवादी शासन से संबंधित हैं और यह बताती हैं कि समाजवादी शासन के तहत् रूस का रूपान्तरण कैसे हुआ।
इकाई 7 उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद की अवधारणाओं के साथ-साथ उपनिवेशवाद की प्रकृत्ति और चरणों से परिचित कराती है। औपनिवेशिक वर्चस्व का प्रारूप प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह का शासन था।
इकाई 8 यह स्पष्ट करती है कि कैसे यूरोपीय लोगों ने अपने स्वयं के प्रशासनिक तंत्र के निर्माण के माध्यम से भारत, अफ्रीका, मिश्र और दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रत्यक्ष शासन स्थापित किया।
इकाई 9 चीन, ईरान ऑटोमन साम्राज्य और दक्षिण अमेरिका में अप्रत्यक्ष शासन के रूप के बारे में बताती है। इन देशों में, विभिन्न राजनयिक, सैन्य और आर्थिक हस्तक्षेपों के माध्यम से, वे इन क्षेत्रों की राजनीति और अर्थव्यवस्था को निर्देशित कर सकते थे और एक निश्चित सीमा तक भारत की तरह बिना प्रत्यक्ष शासन के एक निश्चित हद तक उन्हें सामाजिक रूप से पुनर्गठित कर सकते थे और जहाँ आवश्यक हो उनकी अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को बदल सकते थे।
इकाई 10 में एक उपनिवेश देश के औपनिवेशिक वर्चस्व के प्रभाव की सांस्कृतिक जीवन के क्षेत्र में चर्चा की है कि कैसे संस्कृति शाही वर्चस्व का एक उपकरण बन जाती है |
इकाई 11 विश्व युद्धों और उनके परिणामों का विश्लेषण करती है। इकाई 12 पूंजीवाद के संकट और उसके परिणामों की व्याख्या करती है।
इकाई 13 और 14 विश्व युद्धों के बाद यूरोप के विकासों का एक व्यापक विस्तार प्रदान करती हैं।
इकाइयां 15, 16 और 17 उन परिवर्तनों पर ध्यान केन्द्रित करती हैं जो यूरोप में संस्कृति के क्षेत्र में हुए थे। बौद्विक विकासों, रूमानीवाद से शुरू हुए नये सांस्कृतिक रूपों के बारे में पता चलेगा और यह भी एक समझ बनेगी कि कैसे नस्ल, वर्ग और लिंग भेद की विचारधाराओं ने आधुनिक विश्व को आकार देने वाली नई संस्कृति की शुरुआत को चिन्हित किया।
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यह अध्ययन सामग्री IGNOU BA Honours के छात्रों और उन सभी छात्रों के लिए निःशुल्क है, जो UPSC और UGC NET (History) जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है। इन दोनों बड़ी परीक्षाओं में छात्रों को इतिहास जैसे विषय की अच्छी तैयारी के लिए IGNOU इतिहास की पुस्तकें बहुत मददगार होती है। इस पाठ्यक्रम में यूरोप में उदारवाद, समाजवाद और फासीवाद की विचारधाराओं के विकास के इतिहास को सरल भाषा में विस्तार से समझाया गया है। यह यूरोप में सांस्कृतिक और बौद्विक विकासों, नये सांस्कृतिक रूपों और नस्ल, वर्ग और लिंग-भेद के विचारधाराओं के निर्माण से परिचित कराता है।
इकाई 1 उदारवादी जनतंत्र
इकाई 2 प्रारंभिक समाजवादी विचार और मार्क्सवादी समाजवाद
इकाई 3 प्रतिक्रांति – I: फासीवाद से अनुदार तानाशाही तक
इकाई 4 प्रतिक्रांति – II: जर्मनी में राष्ट्रीय समाजवाद
इकाई 5 समाजवादी विश्व-I
इकाई 6 समाजवादी विश्व-II
इकाई 7 उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद
इकाई 8 औपनिवेशिक आधिपत्य के प्रारुप-1
इकाई 9 औपनिवेशिक आधिपत्य के प्रारूप-II
इकाई 10 साम्राज्यवाद के सांस्कृतिक आयाम
इकाई 11 दो विश्व युद्ध
इकाई 12 पूंजीवाद का संकट
इकाई 13 युद्धोत्तर विश्व की झलक-I
इकाई 14 युद्धोत्तर विश्व की झलक-II
इकाई 15 1850 से सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास
इकाई 16 नये सांस्कृतिक रूपों का निर्माणः रूमानीवाद से अमूर्त कला तक
इकाई 17 संस्कृति और विचारधाराओं का निर्माण: नस्ल, वर्ग और लिंग-भेद
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